पिछले 47 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी आंदोलन के रास्ते पर अड़े हुए हैं किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे तब तक वह घर वापस नहीं जाएंगे हालांकि आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कल केंद्र सरकार को कृषि बिल पर जबरदस्त लताड़ भी लगाई थी तथा आज सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून बिलों पर होल्ड लगाते हुए एक 4 सदस्य कमेटी गठित की है लेकिन इस कमेटी के गठन के बाद भी किसान आंदोलन के नेताओं ने बयान जारी कर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं लेकिन जब तक केंद्र सरकार बिल वापसी की घोषणा नहीं करेगी तब तक वह अपने घरों को नहीं जाएंगे।
मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने मीडिया में बयान देकर कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होंगे तब तक किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 40 किसान संगठनों ने अपनी एक मीटिंग बुलाई है तथा आगे की रणनीति उस मीटिंग के निर्णय के बाद तय की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में भाग नहीं लेंगे किसान - राकेश टिकैत
सुप्रीम कोर्ट ने 4 सदस्य कमेटी गठित करने का फैसला दिया है लेकिन 40 किसान संगठनों के नेताओं ने इस कमेटी में भाग नहीं लेने का फैसला किया है हालांकि आपको बता दें कि इन 40 किसान संगठनों के नेताओं ने मीटिंग रखी है इस मीटिंग की औपचारिकता के बाद ही आगे की रणनीति पर फैसला हो पाएगा आपको बता दें कि किसान आंदोलन पिछले 47 दिनों से किसान सड़कों पर डटे हुए हैं तथा केंद्र सरकार द्वारा पारित इन तीनों कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसानों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार इन तीनों बिलों को वापस नहीं लेगी तब तक वह दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे ।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी में यह होंगे शामिल
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को किसान आंदोलन पर फैसला देते हुए 4 सदस्य कमेटी का गठन करने का निर्णय दिया है सुप्रीम कोर्ट ने जिन चार लोगों को इस कमेटी के लिए चुना है, वो हैं- भूपेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल शेतकारी
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